जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 15 नवंबर ) [3][4], हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ीबोली के काव्य में न केवल कामनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एव.
जयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) छायावादी युग के कुछ प्रमुख लेखकों में से एक हैं। इन्हीं के नाम पर ही छायावादी युग को ‘प्रसाद युग’ भी कहा जाता है। छायावाद के चार स्तंभों में सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और महादेवी वर्मा के साथ जयशंकर प्रसाद का भी नाम आता है। प्रसाद जी एक मूर्धन्य नाटककार, श्रेष्ठ कहानीकार, उपन्यासकार और महान् कव.
Jaishankar prasad ki rachna
Jaishankar Prasad Biography: छायावाद युग के महान लेखक, कवि, और नाटककार। जानें उनके जीवन, साहित्यिक योगदान, और हिंदी साहित्य।. Jaishankar prasad ka janm kab aur kahan hua tha 30 जनवरी, साल को उत्तरप्रदेश के काशी (वाराणसी) में एक जाने-माने वैश्य परिवार में हिन्दी साहित्य के महान लेखक जयशंकर प्रसाद का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम देवीप्रसाद साहू था जो कि वाराणसी के एक बेहद प्रतिष्ठित नागरिक और तंबाकू व्यापारी के रुप में मशहूर थे।.
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय कक्षा 10 Jaishankar Prasad / जयशंकर प्रसाद एक प्रसिद्ध कवि, नाटककार, कथाकार, साहित्यकार तथा निबन्धकार थे। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने उपन्यास, कहानी, कविता और नाटक जैसे विभिन्न विधाओं में अपार योगदान दिया। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान वे एक राष्ट्र प्रेमी क.
जयशंकर प्रसाद की मृत्यु जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) आजतक के हिंदी साहित्य के महानतम कवियों एवं लेखकों में से एक माने जाते हैं। जयशंकर प्रसाद एक प्रसिद्द हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। ये हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों (सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पन्त एवं जयशंकर प्रसाद) में से एक थे।.
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Jaishankar prasad ki bhasha shaili Jaishankar Prasad’s style of composition. He was keen on the Vedas. Jaishankar Prasad wrote the first classification of sonnet, name ‘Chitradhar’ in Braj Lingo in Hindi, a local language widely used in Uttar Pradesh. The entire store of sonnets composed by Jaishankar Prasad can best be portrayed as a relationship and enthusiast.